एनटीपीसी सीपत कौड़ियां बिलासपुर छ्तीसगढ़ की सामान्य जानकारी:-
बिलासपुर//- सीपत एनटीपीसी (कौड़ियां) अपने स्थापना काल से ही अपने सामाजिक दायित्यों को निभाते आ रहा है,चाहे वह प्रभावित गांवों का विकास हो, चाहे ग्रामीणों की सेहत का सवाल हो या फिर गांव के होनहार बच्चों को ऊंची उड़ान देने का जिम्मा हो,सीपत एनटीपीसी ने जांजगीर-चांपा जिले के बलौदा में आईआईटी खोला है, जहां पांच ट्रेड में दर्जनों बच्चों को ट्रेनिंग दी जा रही है,
उक्त बातें सीपत एनटीपीसी के सीईओ पद्मकुमार राजशेखरन, जीएम (ओपीएन) घनश्याम प्रजापति, जीएम मेंटेनेंस जेएस मूर्ति और जीएम एचआर आरएस कौल ने शुक्रवार को संयुक्त पत्रवार्ता में बताईं,उन्होंने बताया कि कोरोना महामारी की रोकथाम व ग्रामवासियों को राहत देने के लिए कई कार्य किए गए हैं। मास्क सेनेटाइज़र,धर्मल स्कन्नर का वितरण किया गया है,प्रवासी श्रमिकों के लिए राशन की व्यवस्था की गई है,शिक्षा को बढावा देने आईटीआई महुदा , बलौदा में डीजल मैकेनिक टूल्स के लिए सहयोग, सेमुलटेर आधारित वैनिंग 5 प्रशिक्षण दिए जा रहे हैं,हाल ही में सहयोगी ग्रामों के शासकीय प्राथमिक एवं माध्यमिक शालाओं को विद्यार्थियों हेतु डेस्क – बैंच दिए गए हैं,ग्रामीणों को शुद्ध पेयजल की उपलकता सुनिश्चित करने ग्राम जांजी , रांक एवं गतौरा में आरसी बॉटर संयंत्र स्थापित किए गए हैं। कला एवं संस्कृति को बढ़ावा देने लुतरा उर्स के दौरान डोम की व्यवस्था की गई थी...
उन्होंने बताया कि पहले चरण में 660 मेगा वाट की तीन सुपर क्रिटिकल तकनीक पर आधारित इकाइयां कुल एक हजार नौ सौ 80 मेगा मार्ट प्रचालन में है तथा दूसरे चरण में 500 मेगावाट क्षमता की दो इकाइयां यानी कुुल 2980 मेगा वाट प्रचालन में है। एनटीपीसी की सर्वप्रथम 660 मेगावाट क्षमता की इकाइयां एवं सुपर क्रिटिकल टेक्नोलाजी पर आधारित बायलर देश के सर्वप्रथम सात सौ 65 केबीसी चार्ट है,
उन्होंने बताया कि कोयले की आपूर्ति के लिए एसईसीएल बिलासपुर से अनुबंध है,हर साल 149.56 मिलियन टन कोयले की आपूर्ति दीपका एक्सटेंशन माइंस और एसईसीएल कोरबा से होती है,परिवहन एनटीपीसी की स्वयं की मेरी गो राउंड रेल प्रणाली द्वारा होता है,इसी तरह जल की आपूर्ति के लिए वर्ष 2018-19 से प्रतिवर्ष 93 मिलियन क्यूबिक मीटर जल आपूर्ति के लिए छत्तीसगढ़ जल संसाधन विभाग से अनुबंध हुआ है। जल आपूर्ति हसदेव दायीं तट नहर ग्राम हरदी विशाल से 26 किलोमीटर लंबी भूमिगत पाइप लाइन द्वारा की जाती है..
उन्होंने बताया कि एनटीपीसी द्वारा पर्यावरण संरक्षण के लिए 275 मीटर ऊंची चिमनी और उच्चतम प्रभावी एमएसपी लगाया गया है,संयंत्र के चारों ओर हरित पट्टी का विकास एवं आसपास के गांव व संपर्क मार्गों के साथ ही उपलब्ध स्थानों में सघन पौधरोपण किया गया है,एनटीपीसी परियोजना के निर्माण में केवल राख से बनी ईटों का उपयोग किया जा रहा है..
एनटीपीसी सीपत की उपलब्धियों का उल्लेख करते हुए अधिकारियों ने बताया प्रथम चरण में 660 मेगा वाट की तीनों इकाइयों से क्रमशः एक अक्टूबर 2011, 25 मई 2012 एवं एक अगस्त 2012 से व्यावसायिक उत्पादन जारी है। वहीं द्वितीय चरण की दोनों 500 मेगा वाट की इकाइयों में क्रमशः 20 जून 2008 एवं एक जनवरी 2009 से व्यावसायिक उत्पादन हो रहा है,अफसरों ने बताया कि ऊर्जा उत्पादन की प्रगति के साथ एनटीपीसी सीपत अपने सामाजिक दायित्व को भी बखूबी निभाने की भूमिका अदा कर रहा है..
बिजली उत्पादन में है तीसरा स्थान
अफसरों ने बताया कि टीम एनटीपीसी अपनी स्थापना काल 1975 से ही राष्ट्र सेवा के लिए समर्पित रहा है। 63 हजार 225 मेगावाट के साथ एनटीपीसी भारत के विकास को गति प्रदान करते हुए विश्व की सबसे बड़ी एवं श्रेष्ठ विद्युत कंपनी के रूप में उभरकर सामने आया है। विद्युत उत्पादन की स्थिति की चर्चा करते हुए बताया कि वित्त वर्ष 2020-21 में 27 जनवरी 2021 तक सीपत के विद्युत गृह द्वारा 91.16 फीसद पीएलएफ पर 19 हजार छह सौ 89 मिलियन यूनिट विद्युत उत्पादन किया गया। इसी तरह अप्रैल दिसंबर 2020 तक 90. 36 प्रतिशत वार्षिक पीएलएफ के साथ सीपत एनटीपीसी स्टेशनों से दूसरे स्थान पर और पूरे भारत में तीसरे स्थान पर रहा...
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